लिंग
संज्ञा
के जिस रूप से किसी
व्यक्ति या वस्तु
की पुरुष अथवा
स्त्री जाति का
बोध होता हैं उसे
लिंग कहते हैं।
उदाहरण:-
माता, पिता,
यमुना, शेर,
शेरनी, दादा,
दादी, बकरा,
बकरी।
लिंग के दो भेद
होते हैं-
1. पुल्लिंग
2. स्त्रीलिंग
पुल्लिंग-
जिन
शब्दों से पुरुष
जाति का बोध होता
है उन्हें पुल्लिंग
शब्द कहते हैं।
जैसे:- पिता, भाई,
लड़का, पेड़,
सिंह शिव, हनुमान, बैल।
स्त्रीलिंग
जिन
शब्दों से स्त्री
जाति का बोध होता
है उन्हें स्त्रीलिंग
शब्द कहते हैं।
जैसे: माता, बहन,
यमुना, गंगा,
कुरसी, छड़ी,
नारी बुआ, लड़की, लक्ष्मी,
गाय।
(i) कुछ प्राणिवाचक
शब्द हमेशा पुल्लिंग
व स्त्रीलिंग मे
ही प्रयुक्त होते
है।
ü पुल्लिंग- खटमल, कौवा,
मच्छर, चीता
आदि
ü स्त्रीलिंग- गंगा,
यमुना, सवारी,
(ii) पर्वतों
के नाम पुल्लिंग
होते है।
जैसे-हिमाचल, सतपुड़ा
विंध्याचल आदि।
(iii) महीनों के
नाम पुल्लिंग होते
है।
जैसे- जनवरी, फरवाई,
चेत्र, वैसाख
(iv) नदियों के
नाम हमेशा स्त्रीलिंग
होते है।
जैसे- गंगा, यमुना,
नर्मदा आदि
(v) बोलियों
के नाम भी हमेशा
स्त्रीलिंग होते
है
जैसे- हिन्दी, गुजरती,पंजाबी, राजस्थानी,
अरबी आदि।
शब्दों
का लिंग परिवर्तन-
पुल्लिंग
à स्त्रीलिंग
दादा
à दादी
घोड़ा
à घोड़ी
छात्र ---à छात्रा
धोबी ---à धोबिन
हाथी ---à हथिनी
नर ---à मादा
युवक -à युवती
बालक -à बालिका
शिष्य ---à शिष्या
बाल ---à बाला
पंडित --à पंडिताइन
ठाकुर ---à ठाकुराइन
पुरुष ---à स्त्री
सम्राट --à सम्राज्ञी
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